મંગળવાર, 10 સપ્ટેમ્બર, 2013

काव्यांजली: आऔ फीर से दिया जलाए

काव्यांजली: आऔ फीर से दिया जलाए: भरी दुपहरी में अंधियारा सूरज परछाई से हारा अंतरतम का नेह निचोड़ें- बुझी हुई बाती सुलगाएँ। आओ फिर से दिया जलाएँ हम पड़ाव को समझे मंज़िल ल...